Best Time to Visit Jim Corbett national Park 2024
Jim Corbett national Park 2024 : भारत का सबसे पुराना और प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। यह उत्तराखंड राज्य में स्थित है और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां की यात्रा एक रोमांचक और यादगार अनुभव होती है। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान 1936 में ‘हैली नेशनल पार्क’ के रूप में स्थापित किया गया था।
इसे 1957 में प्रसिद्ध शिकारी और संरक्षणवादी जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया। यह उद्यान बाघ संरक्षण परियोजना (Project Tiger) का भी पहला लाभार्थी बना। यह उद्यान उत्तराखंड के नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में फैला हुआ है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 520 वर्ग किलोमीटर है।
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यह विविध भूगोलिक स्थिति और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर है, जिनमें बाघ, एशियाई हाथी, हिरण, तेंदुआ, सरीसृप, और पक्षियों की कई प्रजातियाँ शामिल हैं। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य उद्देश्य बाघों की घटती संख्या की रक्षा करना था। बाघों की उपस्थिति ही पार्क का मुख्य आकर्षण बिन्दु है।
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार की सफारी उपलब्ध हैं:
जीप सफारी: यह लोगो की सबसे लोकप्रिय सफारी है, जो पर्यटकों को उद्यान के सभी हिस्सों तक घुमा के लोगो को आनदं प्रदान कराती है।
हाथी सफारी: यह सफारी सबसे अनोखी है और यहाँ पर्यटकों को जंगल की सैर हाथी की पीठ पर बैठ कर कराई जाती है, जो एक अद्वितीय अनुभव होता है।
कैंटर सफारी: यह सफारी बड़े समूहों को एक साथ ले जाके उद्यान का आनंद दिलाने लिए यह सफारी उपयुक्त है, जो उद्यान के विशेष क्षेत्रों में जाती है।
ये सभी सफारी आपको पार्क के विभिन्न हिस्सों में ले जाती हैं और वन्यजीवन को करीब से देखने का अवसर देती हैं।
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान प्रमुख क्षेत्र:
उद्यान में पांच मुख्य क्षेत्र हैं:
बिजरानी ज़ोन: जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक प्रमुख क्षेत्र
बिजरानी ज़ोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक प्रमुख क्षेत्र है, जो अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और विविध वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। यह ज़ोन पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है और सफारी के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।
बिजरानी ज़ोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य प्रवेश द्वार रामनगर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह क्षेत्र घने साल के जंगलों, खुले घास के मैदानों, और जलाशयों से भरा हुआ है, जो इसे वन्यजीवों के लिए आदर्श निवास स्थान बनाते हैं।
बिजरानी ज़ोन विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर है। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान बाघों की उपस्थिति प्रमुख आकर्षण है, लेकिन इसके अलावा आप हाथी, हिरण, सांभर, चीतल, जंगली सूअर और विभिन्न प्रकार के पक्षियों को भी देख सकते हैं। यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है, क्योंकि यहाँ पक्षियों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
बिजरानी ज़ोन में सफारी के लिए जीप सफारी का विकल्प उपलब्ध है। जीप सफारी आपको इस क्षेत्र की गहराईयों में ले जाती है और वन्यजीवों को करीब से देखने का मौका देती है। सफारी दो शिफ्टों में आयोजित की जाती है:
सुबह की सफारी: यह सुबह जल्दी शुरू होती है और दो से तीन घंटे तक चलती है।
शाम की सफारी: यह दोपहर बाद शुरू होती है और सूर्यास्त के समय तक चलती है।
बिजरानी ज़ोन का परिदृश्य अत्यंत सुंदर है। यहाँ के घने जंगल, हरे-भरे घास के मैदान और शांत जलाशय एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं। यह क्षेत्र फोटोग्राफी के लिए भी उपयुक्त है, क्योंकि यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवन कैद करने लायक होता है।
बिजरानी ज़ोन में प्रवेश के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक है। पर्यटकों को रामनगर के पर्यटन कार्यालय से प्रवेश परमिट प्राप्त करना होता है। सफारी के लिए बुकिंग भी पहले से की जानी चाहिए, खासकर पीक सीजन (अक्टूबर से जून) के दौरान।
बिजरानी ज़ोन के पास कई प्रकार के आवास विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें वन विभाग के गेस्ट हाउस, रिसॉर्ट्स और होमस्टे शामिल हैं। ये सभी आवास सुविधाएं आरामदायक और वन्यजीवन के निकटता का अनुभव प्रदान करती हैं।
बिजरानी ज़ोन की यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय अक्टूबर से जून तक है। इस दौरान मौसम अनुकूल होता है और वन्यजीवन देखने का सबसे अच्छा मौका मिलता है। मानसून के दौरान (जुलाई से सितंबर) यह ज़ोन बंद रहता है।
ढिकाला ज़ोन: जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध क्षेत्र
ढिकाला ज़ोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध क्षेत्र है। यह ज़ोन अपने अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य, विविध वन्यजीवन, और रोमांचक सफारी के लिए जाना जाता है। ढिकाला ज़ोन का परिदृश्य अत्यंत सुंदर है। यहाँ के घने जंगल, हरे-भरे घास के मैदान, और शांत जलाशय एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं। रामगंगा नदी यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता को और भी बढ़ा देती है।
ढिकाला ज़ोन में प्रवेश के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक है। पर्यटकों को रामनगर के पर्यटन कार्यालय से प्रवेश परमिट प्राप्त करना होता है। सफारी के लिए बुकिंग भी पहले से की जानी चाहिए, खासकर पीक सीजन (अक्टूबर से जून) के दौरान।
ढिकाला ज़ोन के अंदर वन विभाग के गेस्ट हाउस और रेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। ढिकाला फॉरेस्ट रेस्ट हाउस सबसे प्रसिद्ध है, जहाँ से रामगंगा नदी का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। यहाँ ठहरने की व्यवस्था बहुत आरामदायक और वन्यजीवन के निकटता का अनुभव प्रदान करती है।
ढिकाला ज़ोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के मध्य में स्थित है और रामनगर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह ज़ोन पर्यटकों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय है और यहाँ सबसे ज्यादा सफारी बुकिंग होती है।
ढिकाला ज़ोन में वन्यजीवन का व्यापक संग्रह है। यहाँ बाघ, हाथी, हिरण, चीतल, सांभर, तेंदुआ, जंगली सूअर और कई अन्य वन्यजीवों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके अलावा, यहाँ पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियाँ भी देखी जा सकती हैं, जो इसे बर्ड वॉचिंग के लिए आदर्श बनाती हैं।
ढिकाला ज़ोन में कई प्रकार की सफारी आयोजित की जाती हैं:
जीप सफारी: यह सफारी आपको ढिकाला ज़ोन की गहराईयों में ले जाती है, जहाँ आप वन्यजीवन को नजदीक से देख सकते हैं।
कैंटर सफारी: बड़े समूहों के लिए यह सफारी उपयुक्त है। यह एक खुली बस सफारी है, जो आपको ज़ोन के विभिन्न हिस्सों में ले जाती है।
हाथी सफारी: यह सफारी वन्यजीवन को देखने का एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है।
ढिकाला ज़ोन की यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय नवंबर से जून तक है। इस दौरान मौसम अनुकूल होता है और वन्यजीवन देखने का सबसे अच्छा मौका मिलता है। मानसून के दौरान (जुलाई से सितंबर) यह ज़ोन बंद रहता है।
झिरना ज़ोन: जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक अनूठा क्षेत्र
झिरना ज़ोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक प्रमुख और अनूठा क्षेत्र है। यह ज़ोन अपनी अद्वितीय भौगोलिक स्थिति, विविध वन्यजीवन, और सालभर खुले रहने के कारण पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।
झिरना ज़ोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। यह रामनगर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर है और इसकी स्थापना बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए की गई थी।
झिरना ज़ोन विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिरण, चीतल, सांभर, जंगली सूअर, और कई अन्य प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। इस क्षेत्र में पक्षियों की भी कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो इसे बर्ड वॉचिंग के लिए आदर्श बनाती हैं।
झिरना ज़ोन में जीप सफारी का विकल्प उपलब्ध है। जीप सफारी के दौरान पर्यटक इस क्षेत्र की गहराईयों में जा सकते हैं और वन्यजीवन का नजदीक से अनुभव कर सकते हैं। सफारी दो शिफ्टों में आयोजित की जाती है:
सुबह की सफारी: यह सुबह जल्दी शुरू होती है और दो से तीन घंटे तक चलती है।
शाम की सफारी: यह दोपहर बाद शुरू होती है और सूर्यास्त के समय तक चलती है।
झिरना ज़ोन का परिदृश्य अत्यंत सुंदर है। यहाँ के घने जंगल, खुले घास के मैदान, और जलाशय एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं। यह क्षेत्र फोटोग्राफी के लिए भी उपयुक्त है, क्योंकि यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवन कैद करने लायक होता है।
झिरना ज़ोन में प्रवेश के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक है। पर्यटकों को रामनगर के पर्यटन कार्यालय से प्रवेश परमिट प्राप्त करना होता है। सफारी के लिए बुकिंग भी पहले से की जानी चाहिए, खासकर पीक सीजन (अक्टूबर से जून) के दौरान।
झिरना ज़ोन के पास कई प्रकार के आवास विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें वन विभाग के गेस्ट हाउस, रिसॉर्ट्स और होमस्टे शामिल हैं। ये सभी आवास सुविधाएं आरामदायक और वन्यजीवन के निकटता का अनुभव प्रदान करती हैं।
झिरना ज़ोन की यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय अक्टूबर से जून तक है। इस दौरान मौसम अनुकूल होता है और वन्यजीवन देखने का सबसे अच्छा मौका मिलता है। हालांकि, यह ज़ोन सालभर खुला रहता है, जिससे मानसून के दौरान भी यहाँ यात्रा की जा सकती है।
ढेला ज़ोन: जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक नया और रोमांचक क्षेत्र
ढेला ज़ोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक नया और रोमांचक क्षेत्र है। यह ज़ोन पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि यह वन्यजीवों को नजदीक से देखने का शानदार मौका प्रदान करता है।
ढेला ज़ोन उत्तराखंड के रामनगर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह 2014 में पर्यटकों के लिए खोला गया और तब से यह वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया है।
ढेला ज़ोन विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिरण, सांभर, चीतल, जंगली सूअर और कई अन्य प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। इस क्षेत्र में पक्षियों की भी कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो इसे बर्ड वॉचिंग के लिए आदर्श बनाती हैं।
ढेला ज़ोन में जीप सफारी का विकल्प उपलब्ध है। जीप सफारी के दौरान पर्यटक इस क्षेत्र की गहराईयों में जा सकते हैं और वन्यजीवन का नजदीक से अनुभव कर सकते हैं। सफारी दो शिफ्टों में आयोजित की जाती है:
सुबह की सफारी: यह सुबह जल्दी शुरू होती है और दो से तीन घंटे तक चलती है।
शाम की सफारी: यह दोपहर बाद शुरू होती है और सूर्यास्त के समय तक चलती है।
ढेला ज़ोन का परिदृश्य अत्यंत सुंदर है। यहाँ के घने जंगल, खुले घास के मैदान, और जलाशय एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं। यह क्षेत्र फोटोग्राफी के लिए भी उपयुक्त है, क्योंकि यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवन कैद करने लायक होता है।
ढेला ज़ोन में प्रवेश के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक है। पर्यटकों को रामनगर के पर्यटन कार्यालय से प्रवेश परमिट प्राप्त करना होता है। सफारी के लिए बुकिंग भी पहले से की जानी चाहिए, खासकर पीक सीजन (अक्टूबर से जून) के दौरान।
ढेला ज़ोन के पास कई प्रकार के आवास विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें वन विभाग के गेस्ट हाउस, रिसॉर्ट्स और होमस्टे शामिल हैं। ये सभी आवास सुविधाएं आरामदायक और वन्यजीवन के निकटता का अनुभव प्रदान करती हैं।
ढेला ज़ोन की यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय अक्टूबर से जून तक है। इस दौरान मौसम अनुकूल होता है और वन्यजीवन देखने का सबसे अच्छा मौका मिलता है। हालांकि, यह ज़ोन सालभर खुला रहता है, जिससे मानसून के दौरान भी यहाँ यात्रा की जा सकती है।
दुर्गा देवी जोन: जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र
दुर्गा देवी ज़ोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो रामनगर जिले में स्थित है। यह क्षेत्र पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है और वन्यजीवन के लिए अच्छा स्थान है।
दुर्गा देवी ज़ोन में बाघ, हाथी, हिरण, सांभर, चीतल, जंगली सूअर, गाय, नीलगाय, और अन्य वन्यजीव प्रजातियाँ पाई जा सकती हैं। यहाँ पर्यटक बहुत सारे पक्षियों को भी देख सकते हैं।
दुर्गा देवी ज़ोन में जीप सफारी उपलब्ध है, जिसके दौरान पर्यटक वन्यजीवन को नजदीक से देख सकते हैं। यह सफारी सुबह की और शाम की दोनों शिफ्टों में उपलब्ध होती हैं।
दुर्गा देवी ज़ोन का परिदृश्य बहुत ही सुंदर है, जिसमें घने जंगल, नाले, और खुले मैदान शामिल हैं। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य फोटोग्राफी के लिए भी उपयुक्त है।
दुर्गा देवी ज़ोन में प्रवेश के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक है। पर्यटकों को अपनी सफारी बुकिंग को पहले से ही करनी चाहिए।
दुर्गा देवी ज़ोन की यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय अक्टूबर से जून तक है। यह वक्त वन्यजीवन के देखने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
रामगंगा नदी:
रामगंगा नदी ज़ोन जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान
रामगंगा नदी उद्यान के बीच से गुजरती है, जो यहां की प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ा देती है। यह नदी वन्यजीवन के लिए जल का मुख्य स्रोत है और यहां विभिन्न प्रकार की मछलियाँ भी पाई जाती हैं।
उद्यान में कई गतिविधियाँ की जा सकती हैं, जैसे कि बर्ड वॉचिंग, फोटोग्राफी, ट्रेकिंग, और नेचर वॉक। यहां का प्राकृतिक वातावरण और विविध वन्यजीवन पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करते हैं।
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में आने का सबसे अच्छा समय नवंबर से जून तक का होता है। इस दौरान मौसम अनुकूल होता है और उद्यान पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
उद्यान के अंदर और आसपास कई प्रकार के आवास उपलब्ध हैं, जिनमें वन विभाग के गेस्ट हाउस, रिसॉर्ट्स, और होमस्टे शामिल हैं। ढिकाला क्षेत्र में स्थित रेस्ट हाउस सबसे प्रसिद्ध है, जहां से रामगंगा नदी का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
यात्रा के सुझाव:
प्रारंभिक बुकिंग: सफारी और ठहरने के लिए प्रारंभिक बुकिंग करना आवश्यक है, खासकर पीक सीजन में।
गाइड की सहायता: सफारी के दौरान गाइड की मदद लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे उद्यान और वन्यजीवन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
सुरक्षा नियम: उद्यान के सुरक्षा नियमों का पालन करना आवश्यक है, जैसे कि शोर न करना, वन्यजीवन को परेशान न करना, और उद्यान के निर्धारित मार्गों पर ही रहना।
यह गाइड आपको जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के लिए तैयार करेगा और आपको एक रोमांचक और यादगार अनुभव प्रदान करेगा।
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान जाने का सबसे अच्छा समय
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय स्थान है। यहां का दौरा करने का सबसे अच्छा समय मौसम की स्थिति, वन्यजीव दृष्टिकोण और उद्यान के खुलने के समय पर निर्भर करता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि जिम कॉर्बेट जाने का सबसे अच्छा समय कब है।
जिम कॉर्बेट पार्क के आठ क्षेत्रों में से दो क्षेत्र पूरे साल जीप सफारी के लिए खुले रहते हैं। शेष छह क्षेत्र बरसात के मौसम के कारण बंद रहते हैं।
ऐतिहासिक रूप से, जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में जंगल सफारी के लिए तीन मौसम होते हैं।
सर्दियों के मौसम में नवंबर से 15 मार्च तक : सर्दियों का मौसम जिम कॉर्बेट में ठंडा और सुखद होता है। तापमान लगभग 5°C से 20°C के बीच रहता है।
वन्यजीवन दर्शन: यह समय बाघों और अन्य वन्यजीवों को देखने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस दौरान जानवर पानी की तलाश में खुली जगहों पर आते हैं।
कॉर्बेट नेशनल पार्क के जोनों के खुलने और बंद होने की तिथि?
बिजरानी जोन के खुलने और बंद होने की तिथि और समय : 15 अक्टूबर से 30 जून।
ढिकाला जोन के खुलने और बंद होने की तिथि और समय : 15 नवंबर से 15 जून।
दुर्गादेवी जोन के खुलने और बंद होने की तिथि और समय : 15 नवंबर से 15 जून।
रिंगोड़ा जोन के खुलने और बंद होने की तिथि और समय : 15 अक्टूबर से 30 जून।
झिरना जोन खुलने व बंद होने की तिथि व समय : वर्ष भर खुला रहता है।
ढेला जोन के खुलने और बंद होने की तिथि और समय : वर्ष भर खुला रहता है।
पर्यटक गतिविधियाँ: सर्दियों में सफारी का आनंद लिया जा सकता है। जीप सफारी और हाथी सफारी बहुत लोकप्रिय होती हैं।
विशेष टिप्स: ठंड के कारण गर्म कपड़े साथ ले जाएं। सुबह और शाम की सफारी के लिए विशेष तैयारी करें क्योंकि तापमान काफी कम हो सकता है।
ग्रीष्म ऋतु में 15 मार्च से 30 जून तक: गर्मियों में तापमान 25°C से 40°C तक पहुंच सकता है। हालांकि, सुबह और शाम का समय ठंडा रहता है।
वन्यजीवन दर्शन: गर्मियों में जानवरों को जल स्रोतों के पास देखना आसान होता है। यह समय बाघों को देखने के लिए भी उत्तम है।
पर्यटक गतिविधियाँ: इस मौसम में भी सफारी का आनंद लिया जा सकता है। सुबह और शाम की सफारी विशेष रूप से फलदायी होती हैं।
विशेष टिप्स: हल्के और सूती कपड़े पहनें, धूप से बचने के लिए टोपी और सनस्क्रीन का प्रयोग करें।
वर्षा ऋतु में जुलाई से 15 अक्टूबर तक: मानसून के दौरान पार्क में भारी बारिश होती है। तापमान 25°C से 35°C के बीच रहता है।
वन्यजीवन दर्शन: बारिश के कारण कई सफारी क्षेत्रों में मार्ग अवरुद्ध हो सकते हैं, जिससे वन्यजीवन देखना कठिन हो सकता है।
पर्यटक गतिविधियाँ: मानसून के दौरान कई जोन बंद रहते हैं, लेकिन पर्यटक सुंदर प्राकृतिक दृश्यों और हरियाली का आनंद ले सकते हैं।
विशेष टिप्स: बारिश से बचने के लिए रेनकोट और वाटरप्रूफ जूते साथ रखें। इस मौसम में यात्रा की योजना बनाने से पहले पार्क की स्थिति की जांच कर लें।
उपयोगी सुझाव:
प्रारंभिक बुकिंग: सफारी और आवास की बुकिंग पहले से कर लें, खासकर पीक सीजन (अक्टूबर से जून) के दौरान।
गाइड की सहायता: सफारी के दौरान गाइड की मदद लें, क्योंकि वे वन्यजीवन और पार्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
सुरक्षा नियम: उद्यान के सुरक्षा नियमों का पालन करें, जैसे कि शोर न करना, वन्यजीवन को परेशान न करना, और उद्यान के निर्धारित मार्गों पर ही रहना।
बाघ देखने का सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?
पक्षियों और बाघों को देखने के लिए सबसे खूबसूरत मौसम सर्दियों का मौसम कहलाता है। क्योंकि जितनी ज़्यादा धूप निकलेगी, बाघों को देखने की संभावना उतनी ही ज़्यादा होगी। जीप सफ़ारी के चार घंटे आसानी से गुज़र जाते हैं।
विशेष सुझाव:
प्रारंभिक बुकिंग: सफारी और आवास की बुकिंग पहले से कर लें।
सुरक्षा नियम: उद्यान के सुरक्षा नियमों का पालन करें, जैसे कि शोर न करना, वन्यजीवन को परेशान न करना, और पार्क के निर्धारित मार्गों पर ही रहना।
गाइड की सहायता: सफारी के दौरान गाइड की मदद लें, क्योंकि वे उद्यान और वन्यजीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
कैमरा और बाइनाकुलर: वन्यजीवन और प्राकृतिक सौंदर्य को कैद करने के लिए कैमरा और बाइनाकुलर साथ रखें।
निष्कर्ष
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान यात्रा का सर्वोत्तम समय अक्टूबर से जून तक है। सर्दियों और गर्मियों के दौरान वन्यजीवन दर्शन का अनुभव सबसे अच्छा होता है। मानसून के दौरान यात्रा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है। अपनी यात्रा की योजना बनाते समय मौसम और सफारी बुकिंग की जानकारी पहले से ले लें ताकि आपका अनुभव रोमांचक और यादगार बन सके।