परगना श्री कैंची धाम के नाम से जानी जाएगी तहसील कोश्या कुटोली
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उत्तराखंड के नैनीताल जिले की तहसील कोश्या कुटोली को अब परगना श्री कैंची धाम के नाम से जाना जाएगा। इस नाम परिवर्तन को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह कदम स्थानीय जनभावनाओं और धार्मिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि इस नाम परिवर्तन के क्या कारण हैं, इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है, और इससे क्षेत्र को क्या लाभ हो सकते हैं।
Table of Contents
कोश्या कुटोली का परिचय
कोश्या कुटोली, उत्तराखंड के नैनीताल जिले की एक प्रमुख तहसील है। यह क्षेत्र अपने प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के लोग मुख्यतः कृषि और पर्यटन पर निर्भर हैं। इसके अलावा, यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
श्री कैंची धाम का महत्व
नीम करौली बाबा और कैंची धाम
श्री कैंची धाम का नाम प्रसिद्ध संत नीम करौली बाबा के नाम से जुड़ा है। नीम करौली बाबा ने इस स्थान पर आश्रम की स्थापना की थी, जो आज एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। बाबा की श्रद्धा और भक्ति ने इस स्थान को एक प्रमुख धार्मिक केंद्र बना दिया है। देश-विदेश से हजारों भक्त यहाँ बाबा के दर्शन के लिए आते हैं।
धार्मिक पर्यटन
कैंची धाम न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है। हर वर्ष 15 जून को बाबा नीम करौली महाराज की पुण्यतिथि पर विशाल मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
नाम परिवर्तन का उद्देश्य और लाभ
स्थानीय जनभावनाओं का सम्मान
तहसील कोश्या कुटोली का नाम बदलकर परगना श्री कैंची धाम रखने का मुख्य उद्देश्य स्थानीय जनभावनाओं का सम्मान करना है। नीम करौली बाबा के प्रति लोगों की गहरी आस्था और श्रद्धा को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इससे क्षेत्र की धार्मिक पहचान को और मजबूत किया जाएगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
नाम परिवर्तन से क्षेत्र का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व और बढ़ेगा। श्री कैंची धाम का नाम आने से यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा।
पर्यटन को बढ़ावा
परगना श्री कैंची धाम के नाम से क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का भी प्रचार-प्रसार होगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
सरकारी मंजूरी और प्रक्रिया
भारत सरकार ने तहसील कोश्या कुटोली का नाम बदलने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई गई:
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- प्रस्ताव का निर्माण: स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने नाम परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार किया।
- प्रस्ताव की समीक्षा: राज्य सरकार ने प्रस्ताव की समीक्षा की और इसे भारत सरकार को भेजा।
- मंजूरी: भारत सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी दी और आधिकारिक अधिसूचना जारी की।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
नाम परिवर्तन की खबर से स्थानीय समुदाय में खुशी की लहर है। लोगों का मानना है कि इससे उनके क्षेत्र का महत्व और बढ़ेगा और नीम करौली बाबा के प्रति श्रद्धा और भक्ति का सम्मान होगा। स्थानीय व्यापारी और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भी इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं।
भविष्य की योजनाएँ
परगना श्री कैंची धाम के विकास के लिए कई योजनाएँ बनाई जा रही हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- बुनियादी ढांचे का विकास: सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
- पर्यटन सुविधाओं का विकास: पर्यटकों के लिए आवास, भोजन और अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
- धार्मिक स्थलों का संरक्षण: श्री कैंची धाम और अन्य धार्मिक स्थलों का संरक्षण और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
निष्कर्ष
तहसील कोश्या कुटोली का नाम बदलकर परगना श्री कैंची धाम रखने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है जो स्थानीय जनभावनाओं, धार्मिक महत्व और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा और नीम करौली बाबा की श्रद्धा और भक्ति को सम्मान मिलेगा।